नीम:- नीम एक मझोले प्रकार की वृक्ष प्रजाति का उद्भिज है। यह चिर परिचित उद्भिज तीव्र गति से बढ़ती है।
औषिधीय गुण
1. डाइबिटीज रोग के क्षेत्र में नीम पत्ते का रस काफी लाभकारी है।
2. वायरसजनित महामारियों और दर्द में नीम का बीज उपकारी है।
3. कान दर्द, दांत और दांतों के मसूड़ों के दर्द में नीम तेल का प्रयोग किया जाता है।
4. नीम पेड़ का जड़ अथवा तना का छाल और पत्ते के तीता स्वाद से जो औषधि तैयार होती है, वह बार-बार लौट आने वाला ज्वर ( जैसे-मलेरिया ) को दूर करने में उपकारी है। विभिन्न प्रकार के चर्मरोग को दूर करने में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
5. वर्तमान समय में अत्याधिक प्रसाधनी वस्तुएं ( जैसे-साबुन,शैम्पू,दांत का मंजन,पाउडर ) नीम का प्रयोग किया जाता है।
6. कीटनाशक औषधि के रूप में नीम तेल का प्रयोग किया जाता है।
7. नीम वृक्ष का पत्ता और जड़ का एंटीबॉयोटिक अर्थात जीवाणु नाशक क्षमता स्वीकृत है।
8. नीम का तेल बालों को स्वस्थ्य रखता है, यकृत में कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है, रक्त को साफ करने के क्षेत्र में इसका प्रयोग किया जाता है।
9. इसके अलावा नीम के द्रव्य में बैक्टीरिया, छत्रक और परजीवी कृमि को रोकने का भी गुण है।
औषिधीय गुण
1. डाइबिटीज रोग के क्षेत्र में नीम पत्ते का रस काफी लाभकारी है।
2. वायरसजनित महामारियों और दर्द में नीम का बीज उपकारी है।
3. कान दर्द, दांत और दांतों के मसूड़ों के दर्द में नीम तेल का प्रयोग किया जाता है।
4. नीम पेड़ का जड़ अथवा तना का छाल और पत्ते के तीता स्वाद से जो औषधि तैयार होती है, वह बार-बार लौट आने वाला ज्वर ( जैसे-मलेरिया ) को दूर करने में उपकारी है। विभिन्न प्रकार के चर्मरोग को दूर करने में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
5. वर्तमान समय में अत्याधिक प्रसाधनी वस्तुएं ( जैसे-साबुन,शैम्पू,दांत का मंजन,पाउडर ) नीम का प्रयोग किया जाता है।
6. कीटनाशक औषधि के रूप में नीम तेल का प्रयोग किया जाता है।
7. नीम वृक्ष का पत्ता और जड़ का एंटीबॉयोटिक अर्थात जीवाणु नाशक क्षमता स्वीकृत है।
8. नीम का तेल बालों को स्वस्थ्य रखता है, यकृत में कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है, रक्त को साफ करने के क्षेत्र में इसका प्रयोग किया जाता है।
9. इसके अलावा नीम के द्रव्य में बैक्टीरिया, छत्रक और परजीवी कृमि को रोकने का भी गुण है।
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